मस्त चुदाई hindi sex stories

Written By Unknown on Monday, 22 April 2013 | 18:52

मस्त चुदाई hindi sex stories
मंगला को देखने के बाद किसी भी आदमी कि प्यास और भूक चली जायेगी ऐसी वोह सजी हुई थी ! भरदार छाती, भरपुर नितंब देख के सबके होश उड जाते थे ! कोई भी मंगला को देखता तो मंगला की मस्त चुदाई करने की ही सोचता था, मंगला थी ही ऐसी ! मंगला का पति रवि बहोत ही सिधासादा था… मंगला की चुदाई करना उसके बस की बात नाही थी ! और उसके ही नशीब मे ऐसा ऐटम बॉम्ब पडा था ! रवि ने खेत मे दो कमरे का घर बांधा था… खेत मे जानवरो का चारा और खेती का काम सब वो ही देखता था ! कभी कभी मंगला भी खेत मे दिनभर जाती थी ! वो हमारी बस्ती से जाती थी… जाते वक्त हमेशा मुझे बुलाकर जाती थी… “क्यू दिनेश, खाना वाना खाया की नही ?” कभी कभी मूड मे आई तो वो मुझे बोलती थी अरे दिनेश तुम्हारी बीवी नही पर किसी लडकी को तो कभी कभी हमारे घर ले आया करो मजा लुटने के लिये !… मंगला का बापू नाम का कोई अशिक़ है ऐसा मैने सुना था ! मैने उस बापू को एक बार देखा और आश्चर्य चकित हो गया… क्युंकी वो बापू तो टकला था.. मै सोच मे पड गया की मंगला इतनी खुबसुरत है और इस टकले के साथ कैसे इश्क़ लडाती होगी ! वैसे तो उसका और मंगला का लफडा है उस पे मेरा विश्वास नही था ! मंगला की चुदाई मुझे देखनी थी ! और जिसने मुझे ये बात बताई थी उस दीन से मेरे दिल मे जलन सी पैदा हुई थी ! क्युंकी मंगला मुझे बहोत पसंद थी… उसकी खुबसुरती का मै तो दिवाना था !



मै एक दिन नदी से नहाके वापस आ रहा था… मंगला के खेत के घर से गुजरते समय मुझे किसीकी आवाज सुनाई दी… चुपके से मै पीछे की खिडकी के दरवाजे के पास गया, खिडकी का दरवाजा आधां खुला था ! मैने सोचा आज चुदाई देखने को मिलेगी, मै जरा सी भी आवाज न करते हुए खिडकी के दरवाजे के पास कान ले गया और सुनने लगा.. बापू और मंगला की आवाज सुनाई दे रही थी ! मंगला कह रही थी “ रात को गांव के घर मे तुम आनेवाले थे, क्यू नही आए ?” फिर बापू बोला “रात को तुम्हारे यहां आने का सोचकर थोडी पीने वाला था पर कूछ ज्यादा ही चढ गई इसलिये नही आया !” उसके बाद चुंबन लेने का आवाज सुनाई दिया मेरे शरीर मे लहर सी दौड गई ! अब कूछ देखने जैसा मिलेगा ऐसा सोचकर मैने धीरे धीरे आवाज न करते हुए खिडकी से झांक लिया ! मेरा दिल जोर जोर से धडकने लगा था क्युंकी सामने का नजारा ही कूछ ऐसा था सच मुच चुदाई का कार्यक्रम चालू होने वाला था ! मंगला पलंग पे सिर्फ फ्रोक मे ही लेटी हुई थी और उसके गोल मटोल स्तन खुले थे और साईड मे बैठा बापू उसे दबा रहा था ! “रवि कौनसे गांव गया है ?” बापू ने स्तन दबाते दबाते कहा ! “मिरज गया है उसकी मौसी के यहां” मंगला ने बापू के छाती पर हाथ फिराते कहा !


बापू तो सिर्फ अंडरवेअर मे था उसका लंड अंडरवेअर मे से खडा हुआ दिख रहा था ! मंगला ने अपना हाथ उसकी छाती पर से निकाल कर उसके लंड के उपर फिराने लगी ! बापू का हाथ उसकी स्तनो से लेकर पेट पर फीर नीचे जान्घो मे फिरने लगा ! “चड्डी निकालो ना” बापू का लंड उपर से ही पकड के बोली ! “निकालता हु ना, तो फिर मजा कैसे आएगा?” ऐसा कहके उसने अपनी चड्डी उतार दी और बापू पुरा नंगा हो गया… उसका लंड झुलने लगा.. मंगला ने उसे हाथ मे लिया और उसे सहलाने लगी, जैसे चुदाई की उसे जल्दी हो ! बापू ने फिर उसके फ्रोक की नाडी छोड दी और उसे पुरा नंगा किया ! मंगला को नंगा देखके, गोरी गोरी जांघे, मांसल शरीर देखके मेरा तो अंग अंग मचल उठा… मेरा सिर गरम हो गया… चड्डी मे लंड फडफडाने लगा ! बापू का हाथ मंगला के जान्घो मे फिरने लगा .. उंगली से मंगला की चूत सहलाने लगा और मंगला उसका लंड हिलाने लगी ! उसके बाद बापू पलंग पर चढा और मंगला की जांघे फैलाकर उसकी चूत चाटने लगा “वाह, तुम ऐसा करते हो मुझे बहोत अच्छा लगता है…. हा….हा… चुसो मेरी चूत चुसो…!” आंख बंद करके मंगला कहने लगी ! मंगला कूछ ज्यादा ही गरम हो गई थी ! थोडी देर बाद बापूने अपना खडा लंड उसकी चूत पर रखा और अंदर घुसेडने लगा ! अपना लंड अंदर बाहर करने लगा उसकी रफ्तार जैसे बढने लगी वैसे मंगला की आवाज भी जोर जोर से बाहर निकलने लगी !

बापू ने उसके स्तन दोनो हाथो मे पकड कर धक्के देने चालू किये ! मंगला बीच बीच मे बोलती थी “तुम्हारी रात को बहोत याद आ रही थी, तुम चुदाई बहोत अच्छी करते हो !” सामने का ये नजारा देख के मेरी तो हालत बहोत खराब हो रही थी… मैने तो देखते देखते ही मुठ मारना चालू किया ! कूछ देर बाद बापू ने कसके उसको पकडा और अपना वीर्य छोड दिया…. मंगला के उपर वैसे ही पडा रहा ! मेरा भी मुठ मारना खतम हो गया और मै हमारे खेत के घर मे जाकर पलंग पर पडा रहा ! मेरे सामने मंगला का वो द्रश्य आने लगा था… बहोत ही बैचेन सा महसूस करने लगा था… उस रात को मुझे नींद ही नही आयी.. सारी रात मंगला की चुदाई ही नजर के सामने आ रही थी ! रात भर सिर्फ मंगला की चुदाई का द्रश्य नजर के सामने लाकर अपना लंड हिलाने लगा ! उस दिन से तो मेरे दिल मे मंगला के प्रति कूछ अलग ही एहसास होने लगा मुझे सिर्फ उसके बडे बडे स्तन और गोरी गोरी जांघे दिखने लगी ! मुझे उसे पाने की उसकी चुदाई करने इच्छा हो रही थी !

एक दिन मै खेत के घर मे कपडे निकाल के पलंग पे आराम बैठा मंगला के चुदाई के बारे मे सोच रहा था, उस दिन का वो द्रश्य मेरे सामने आ रहा था ! मंगला का नंगा शरीर नजर के सामने आने लगा मैने चड्डी मे हाथ डाल के अपने लंड को सहलाना चालू किया… इसी बीच किसीने दरवाजे पर थप थपाया ! मैने सहज जाके दरवाजा खोल दिया देखता हु तो क्या सामने मंगला हाथ मे बरतन लिए खडी थी ! “दिनेश, चाय के लिए थोडा दुध मिलेगा !” ऐसा कहते उसका ध्यान मेरे अंडरवेअर पे चला गई…! उसकी नजर मेरे अंडरवेअर पे ही टिकी हुई थी ! मै वहा से कपडे पहन ने के निकलने वाला था की उसने पुछा “दिनेश, और कौन है अंदर ?” मैने कहा “कोई नही है मै अकेला ही हुं !” “तो फिर ये तुम्हारा खडा कैसे हो गया है ?” मेरे अंडरवेअर की ओर हाथ करके वोह बोली ! “खडा रहने के लिये किसी कि क्या जरुरत है.. किसी का खयाल मन मे आया तो अपने आप खडा हो जाता है ?” मैने हसके कहा ! “बहोत ही हलकट हो तुम दिनेश !” वो मेरे पास आ गई और लंड हाथ मे लेके बोली ! “दिनेश अरे बहोत की बडा हो गया है तुम्हारा ये !” उसने बरतन नीचे रखा और झटसे मेरी अंडरवेअर नीचे खींच ली ! मेरा 8 इंच का लंड उसके सामने सलामी ठोकने लगा.. “दिनेश, मुझे तुम्हारा ये केला बहोत अच्छा लगा, मेरी जिंदगी मे भी मैने ऐसा बडा लंड देखा नही है !” ऐसा कहके उसने मेरे लंड की पप्पी ले ली ! तो मैने उसे अपनी ओर खींच लिया और उसके चुंबन लेने लगा, मंगला मेरे लंड को हाथ मे लिये सहला रही थी.. मंगला बोली “दिनेश, मेरी चाय गई भाड मे, तुम ऐसे ही खडे रहो मै चाय का बरतन नीचे रख के आती हुं!” तब तक मैने मेरी पुरी अंडरवेअर निकाल दी और नंगा खडा रहा, सोचने लगा अब मै मंगला की मस्त चुदाई करुंगा ! मै ख़ुशी के मारे चूर चूर हो रहा था, मंगला मुझे आसानी से मिल गई थी, आज मंगला के शरीर का भरपूर आनंद लुटाउंगा ऐसा सोच रहा था तब मंगला फिर से आई और उसने कडी लगा दी ! जल्दी जल्दी मे उसने अपनी साडी निकाल फेकी और ब्लाउज के बटन खोले, फ्रोक निकाला, नीकर भी निकाल फेंकी और मेरे लंड के पास आके बैठ गई ! हाथ से सहलाते हुए उसने मेरा लंड चाटना चालू किया मुझे बहोत अच्छा लग रहा था !

मेरा पुरा ध्यान उसके नंगे शरीर पे था ! मैने उसे अपनी बाहो मे जकडा और उसे चुमने लगा… बाद मे उसके पीठ पे से हाथ फिराते हुए नीचे जाके उसके डेरेदार नितम्बो को दबाने लगा ! मंगला के नितंब तो बहोत ही मखमली थे ! उसके बाद मंगला पलंग के उपर हाथ रखकर झुकी और मेरा लंड हाथ मे लेकर अपने नितंब पे रगडकर अपने चूत पे टीका दिया ! और बोली “दिनेश, जल्दी से अपना लंड मेरे चूत मे डालो !” मैने धीरे धीरे उसकी चूत मे लंड डालना शुरू किया, लंड अंदर जाते समय मुझे बहोत ही मजा आ रहा था ! जैसे ही आगे पीछे करके चुदाई चालू की मुझे और भी अच्छा लगने लगा ! उसके मोटे मोटे स्तन हाथ मे लेके दबाते हुए उसे चोदने लगा ! उसके बाद वो पलंग पे लेट गई और अपनी जांघे फैलाकर मुझे अपना लंड चूत मे डालने को कहा ! उसकी चूत देखके मेरा लंड और फडफडाने लगा झटसे मैने उसकी चूत मै लंड डाला और उसे तेज रफ्तार से चोदना शुरू किया ! मंगला ख़ुशी के मारे चिंख रही थी मेरा उत्साह और बंढने लगा ! लगभग 10 मिनट तक उसे चोदा और मेरा वीर्य उसकी चूत मे भर गया ! उस दिन से आज तक मंगला मेरे से ही चुदाई करवाने आती है ! उसे मेरा लंड बहोत पसंद है ! वो हमेशा कहती है दिनेश तुम्हारे ही लंड से चुदाई करने मे मुझे मजा आता है ! “तो क्या जब भी समय मिलता है तो मंगला की मस्त चुदाई चालू…!”

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