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चोदने को रापचिक लोंड़िया a Hindi Sex Story

Written By Unknown on Tuesday, 2 April 2013 | 11:33

> अगर कहा जाए तो सब अपनी कहानी सच ही लिखते हैं,बस अपनी कहानी को थोड़ा
> रोमाँचक बनाने के लिए फालतू की बाते भी जोड़ देते हैं...जैसे अपने लंड के
> साइज़ को ही झूठ बोलते हैं...और बोलेंगे भी क्यों नही किसी भी लड़की को
> छोटा लंड अच्‍छा नही लगता..भाई लोग मेरी कहानी भी ज़्यादा अलग नही
> है..अपनी कहानी शुरू करने से पहले अपने बारे मैं बताना तो बनता है...
>
> मैं देखने मैं स्मार्ट हूँ...ये तो मैं ज़रूर कहूँगा जिससे लड़कियाँ मेरे
> से ज़्यादा बात करें.....मैं फुल टाइम मस्ती करता हूँ...अभी मेडिकल की
> कोचैंग के लिए कोटा आया हुआ हूँ.मैं देल्ही से हूँ मेरी उम्र 19 है..तो
> शुरू करता हूँ..
> बात ऑगस्ट की है मैं कोटा मैं नाया आया था..और साला मन भी नही लगता था
> यहाँ..अब एक दिन मेरे पास एक कॉल आया.वो कॉल मेरी पुरानी दोस्त अंजलि(नाम
> बदला हुआ)का था.उसने बताया की वो भी कोटा मैं ही है और उसे ये नंबर. मेरे
> घर से मिला है.उसने काफ़ी देर तक बाते करी इन बातो मैं बस एक चीज़ ही
> इंटरेस्टिंग थी.उसने कहा की अगर तेरा यहाँ मन नही लग रहा है तो तुझे कोई
> लड़की पटवाने मे तेरी मदद करूँ..ये सुनकर मैं खुश हुआ..अजी खुश क्या
> बोहोत खुश हुआ..कुछ दिन बाद मैं अपने दोस्तो मैं से बाते कर रहा था की एक
> लड़की का कॉल आया.उसने मेरे से बताया की आपका नंबर मुझे अंजलि ने दिया
> है..उससे भी बाते खूब करी.जैसे क्या कर एम है.मुझे देखा की नही,मेरे से
> कब मिलॉगी.. वगेरह वगेरह,,,
> उसने भी चूतिया वाले जवाब दिए.
> उसने कहा की वो भी मेडिकल मे है,उसने मेरा फोटो फ़ेसबुक पर देखा,कल को
> मेरे से मिलेगी फिल्म देखने के बहाने...
> अब यार पहली बार कोई लोंड़िया को बिना देखे मिलने जाना था,गांड फट रही थी
> की कहीं छम्मक छल्लो जैसी ना हो,काली सी ना हो,ये सब सोच कर मैं अपने दो
> दोस्त अभिषेक और शुभम को अपने साथ ले गया,और उन्हे समझा दिया की उन्हे
> पता ना चले की तुम लोग मुझे जानते हो,अब मैने टिकेट ले लिए मूवी के और
> उनका इंतेजार करने लगा,साथ मैं गांड भी फट रही थी की कोई काली सी लड़की
> चेप ना हो जाए...15 मिनिट बाद अंजलि के साथ एक लड़की आई..कसम से बे एक दम
> मस्त माल..मोटे मोटे बूब्स,कमर पतली,गांड हाए हाए दिल पे छुरिया चल
> गयीं,अब अंजलि ने उससे मेरा इंट्रो करवाया उसका नाम तो बताना ही भूल
> गया,उसका नाम संस्कृति था.अब मेरे दोस्तो ने मुझे देख क्र मेसेज
> किया"बेटा मिल गयी चोदने को रापचिक लोंड़िया अब तो ह्मे भूल ही
> जाएगा".उनका मेसेज पढ़ कर मुझे अपने आप पर गर्व हुआ,अब हम लोग पोहुच गये
> थियेटर मैं,सामने मूवी चल रही है और मैं संस्कृति के बूब्स देख रहा
> हूँ,अब हिम्मत करके मैने उसके हाथ पर अपना हाथ रखा तो उसने अपना हाथ वहाँ
> से हटा लिया,मेरी किस्मत तो देखो साला तभी इंटर्वल हो गया,फिर साला
> टाय्लेट मैं दोस्तो ने पकड़ लिया,सवाल ऐसे पूछे जो सिर्फ़ दोस्त ही पूछ
> सकता है,
> 1.आबे साले चूमा कितनी देर तक लिया.
> 2.चूची दबाकर मज़ा आया की नही.
> 3.चूची पी की नही.
> अब सालो से क्या कहता की बहनचोद ने हाथ पर हाथ भी ना रखने दिया.अब वापस
> पोहुच गया थियेटर मैं.अब मेरी गाड जल रही थी उस लड़की के साथ मैं चुपचाप
> मूवी देखने लगा.अब उसने ही मेरे हाथ पर हाथ रखा और पूछा नाराज़ हो
> क्या.अब लड़की ने स्टार्ट किया तो मैने मुस्कुरा कर कहा नही नाराज़ नही
> हूँ बस मूवी देख रहा हूँ.उस दिन तो सिर्फ़ उसका हाथ ही पकड़ कर रह
> गया.अगले 2 दिन बाद फिर गया मूवी देखने उसके साथ इस बार साली का
> चूमा(किस) भी लिया.उसके बाद तो आए दिन ही मोविए देखने भाग जाता था.अब तो
> साली के बूब्स भी पिए दबाए ओर इससे ज़्यादा कुछ नही हुआ.होता भी कैसे
> थियेटर मैं तो जब बूब्स ही दबाने जाते हैं.अभी 7 दिन पहले मैने उससे अपने
> हॉस्टिल मैं आने के लिए कहा.शायद आज किस्मत साथ दे रही थी एसलिए,हॉस्टिल
> का मलिक था नही था सभी लड़के कोचैंग गये थे ,जो सुबह वाले टाइम के थे वो
> सो रहे थे.अब मैने अपने दोस्त को हॉस्टिल के मेन दरवाज़े पर खड़ा कर दिया
> और मैं अपनी आइटम को लेने चला गाया.अब साली कोचैंग के पास खड़ी थी.कंधो
> पर बेग टांग रखा था..ग्रीन टॉप और जीन्स पहेन रखा था अपनी कस्म पूरी ब्लू
> फिल्म की पॉर्न स्टार लग रही थी.पर पता न्ही चलता कैसे साला सबका लंड
> खाड़ा हो जाता है लड़कियो की गांड दूर से देख कर.मेरा तो आज तक नही हुआ
> बस गांड को देखना अच्छा लगता था पर खड़ा कभी नही हुआ दूर से देखने
> पर.उस्को अपने साथ लाने से भी गांड चोडी हो रही थी,क्योंकि उस एरिया मैं
> मेरे को सब जानते हैं..संस्कृति से कहा की मेरे पीछे पीछे आ जाओ.मेरा
> दोस्त शोएब ने संस्कृति ओर मुझे हॉस्टिल मैं एंट्री करवाई..टा नही शोएब
> ने क्या ऐसा किया था पर उस दिन तो पूरा हॉस्टिल खाली था.अब आ गया अपनी
> आइटम को अपने रूम मैं लेकर..अब वो साली मेरे से बाते चोदने लगी...
> स-वैसे बाबू तुम्हारी उमर क्या है.
> मे-मैं 19 का हूँ.
> स-झूठ मत बोलो जान.
> मे-सच जानू.
> स-तुम तो मेरे से 1 साल छोटे हो मैं 20 की हूँ.
> मे-तो क्या हुआ आज कल तो सब चलता है.
> इस तरह चोदु बाते जिनसे मुझे गुस्सा और आने लगा था..मन कर रहा था की
> बहेनचोद को अभी धक्के मार कर बाहर निकल दु.पर मैने अपने पर कंट्रोल
> किया,,,मुझे छूट जो दिख रही थी उस वक़्त..
> मे-प्यार उमर नही देखता.अब तुम मेरे से प्यार करो या ना क्रो मैं तो करूँगा..
> इतना कहते ही मैने अपने होठ उसके होठ से मिला दिए और लगा साली को
> चूसने.वो इसके लिए तैयार नही थी लकिन थोड़ी देर मैं उसको भी मज़ा आने लगा
> और वो भी मेरा साथ देने लगी पर वो ये सब अभी नही चाहती थी वो मुझसे प्यार
> करने लागी थी.सेक्स के बारे मैं तो उसने कभी सोचा ही नही था.पर मैने उसकी
> बात ज़्यादा ना सुनते हुए उससे दोबारा किस करने लागा. मैने उसे बिस्तर पर
> धक्का दिया,आज उसके आने की खुशी मैं मैने बिस्तर फूलो से सजाया था,अब मैं
> उसके कपड़े उतरने लगा थोड़ी सी देर मैं मैने उसे नंगा कर दिया..अब शर्म
> की वजह से मेरे से आकर चिपक गयी मैने उससे बेतहाशा चूमा.अब वो मेरा साथ
> देने लगी थी,मैने भी अपने कपड़े उतार दिए,मैं भी अब उसके सामने नंगा
> था,मैं उसके चूची पी रहा था जो सच मैं बोहुत बड़े बड़े थे मेरे हाथ मैं
> भी नही आ रहे थे,मैं कभी उसका दायां बूब्स कभी बाया बूब्स चूस रहा था,
> मैं धीरे धीरे नीचे आया जहाँ चूत होती है और चाटने ल्गा,एकदम साफ बाल और
> गुलाबी चूत जिसपर एक भी बॉल नही था.संस्कृति सिसकारियाँ ले रही थी,मुझे
> भी मज़ा आ रा था,इसी बीच संस्कृति झाड़ गयी,अब मेरे लॅंड को पास से देखती
> ही बोली-"यार,ये क्या मेरे मैं चला जाएगा"/
>
> मैने कहा मुह मैं डलकर देखो,अगर मुह मैं चला जाएगा तो चूत मैं भी चला जाएगा.
>
> इतना कहने पर वो मेरा लंड मुह मैं लेकर चूसने लगी.कभी मुह मैं रखकर टॉफ़ी
> की तरह चुस्ती तो कभी आगे पीछे करके चुस्ती,तो कभी गोलियो को चुस्ती.मुझे
> खूब मज़ा आ रहा था.मैं झरने वाला था,उससे पूछा-कहाँ लॉगी मेरा माल?मुह पे
> या बदन पे?
>
> उसने खा-"स्वाद लेके देखने दो कैसा लगता है".
>
> और मेरा पूरा माल अंदर ले गयी.
> अब हम एक दूसरे को चूमने ल्गे.
>
> मैं फिर उसकी चूत चाटने लगा,कुछ देर बाद वो मेरा लंड चूसने लगी.
>
> अब उसने कहा-"अब नही रहा जाता,डाल दो अपना साँप मेरे बिल मैं".
>
> मैने थोड़ा तेल लगाया अपने लंड पर और उसकी चूत मैं..
>
> एक-दो बार धक्के दिए पर अंदर नही गया.उसकी चूत कसी हुई थी.फिर मैने ज़ोर
> से पकड़ कर एक धक्का दिया,आधा लॅंड अंदर चला गया.
>
> वो बोहुत तेज़ चिल्लाई,उसकी चूत से खून की धार बहने लगी और आँखो से आँसुओ की
> धारा.
>
> मैने अपना हाथ उसके मुह पर रख दिया और उसे चूमने लगा उसके चूचू पीने
> लगा.उससे सहलाने लगा.
>
> जब थोड़ा आराम हुआ तो मैने एक और धक्का दिया और पूरा साँप बिल मैं.
> पूरा लॅंड उसकी चूत मैं डाल दिया,
> उसकी साँस एकदम रुक गयी,
>
> मैने अपने होठ उसके होठो पर रखे और चूमने लगा.कुछ देर बाद वो नीचे से
> गांड हिलने लगी,तभी मैने भी उसका साथ दिया और आगे पीछे होने लगा.
>
> फिर 15 मिनिट तक चूत लंड का घमासान युध हुआ छूट लंड के सामने पानी पानी हो
> गयी.
>
> हम दोनो आराम से पड़े हुए थे,संस्कृति उठी अपनी चूत और बिस्तर को देख क्र
> घबरा गयी,उसकी चूत, गांड ओर बिस्तर खून मैं साने हुए थे.
> मैने उससे बताया की पहली बार ऐसा ही होता है बाद मैं जब ठीक हो जाता
> है.उससे चलने मैं दिक्कत हो रही थी तो मैने उससे पेनकिलर दी और उसे उसके
> हॉस्टिल छोड़ कर आ गया...
> तब से अब तक मैने उसे 3 बार चोदा है.
> कैसी ल्गी मेरी स्टोरी दोस्तो प्ल्ज़ अड्वाइस जररूर दें..
> Ur Frend kaifrain..
> My facebook nd gmail id is (tiger.786d@gmail.com)

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