Meri Chudai + hindi sex story with nude picture send by neha

Written By Unknown on Friday, 19 April 2013 | 10:57

hindi sex story with nude picture
hindi sex story with nude picture

मेरे पति काम के सिलसिले मे 6 महिने के लिए अमेरिका गये थे और मुझे घर पर ही छोड गये! मै अपने मम्मी, पापा और भाई का साला मुन्ना इनके के साथ रहने लगी थी ! मेरी उम्र 27 साल कि हैं! मुन्ना मुझसे 8 साल छोटा हैं ! अभी-अभी उसको जवानी कि हवा लगी थी ! मै और मुन्ना एक हि कमरे मी सोते थे ! हमारी बाल्कनी मे हमने की हुई चुदाई के बारे मे बताना चाहुंगी !


एक शाम को मे छत पर बैठी थी कि मैने देखा मुन्ना घर मे आते हि दिवार के पास खड़ा हो कर पेशाब करने लगा ! उसे यह नही पता था कि मुझे छत पर से सब दिखाई दे रहा था ! जैसे ही उसने अपना लंड पेशाब करने निकाला, मेरा दिल धक से रह गया ! इतना मोटा और लम्बा लंड उसे देखकर मेरे दिल कि सिरहन दौड गयी ! पेशाब करके वो तो फिर अपनी बाईक उठा कर चला गया…पर मेरे दिल मे एक हलचल छोड गया ! दो महिने से मेरी चुदाई नही हुई थी सो मेरा दिल भटकने लग गया ! ऐसे में मुन्ना का लंड और दिख गया….मेरी चूत मे कुल्बुलाहठ होने लगी ! मुन्ना से चुदाई करने कि मै सोच रही थी ! मै बैचेन होकर कमरे मे आ गई ! मुझे बस मुन्ना का वो मोटा लंड ही बार – बार नजर आ रहा था ! सोच रही थी कि अगर ये मेरी चूत मे गया तो मै तो जैसे निहाल ही हो जाऊंगी…! मुन्ना रात को 8 बजे घर आया ! उसने अपने कपडे बदले…वो अभी तक मेरे सामने हि कपडे बदलता था..पर मेरे उसे क्या पता था कि मेरी नजरे बदल गयी है ! पैंट उतारते ही उसका लंड उसकी छोटी सी अंडरवेयर मे उभरा हुआ नजर आने लगा ! देखते ही चुदाई करने कि इच्छा हो गई… मुझे लगा कि उसे पकड कर मसल दु ! मेरा मन चंचल हुए जा रहा था !
अंडरवेर में उभर के आया हुआ लौड़ा

डीनर के बाद हम कमरे मे आए ! मैने भी जानबुझ कर के मुन्ना के सामने कपडे बदलने शुरू कर दिये पर उसका ध्यान मेरी तरफ नही था ! मैने उसकी तरफ पीठ करके अपना ब्लाउज और ब्रा उतार डाली ! पेटीकोट पहनते समय मैने जानबुझ कर पेटीकोट नीचे गिरा दिया और एकाएक नंगी हो गई ! आईने मे मैने देखा तो मुन्ना मुझे निहार रहा था ! मैने तुरंत पेटीकोट उपर खींच लिया ! मुझे लगा तीर निशाने पर लग गया ! मै बेड पर जा बैठी ! पर मेरा ध्यान मुन्ना पर और मुन्ना का मुझपर था ! हम दोनो एक दुसरे को छुने कि कोशिश कर रहे थे ! मेरे मन मे चुदाई का भूत सवार था ! मैने शुरुवात कि… “क्या बात है मुन्ना तुम कूछ बैचेन नजर आ रहे हो !” “मुझे कूछ अजीब सा महसूस हो रहा है !” उसने मेरी जांघ पर हाथ रख के कहा ! मुझे उसकी अंडरवेयर मे से लंड खडा हुआ दिखाई दे रहा था ! दोनो के दिल मे आग लगी हुई थी ! मैने कूछ हाथ ऐसा फेरा के उसके लंड को छुता हुआ और रगडता हुआ निकला !

मुन्ना ने हिम्मत की और मेरी कमर मे हाथ डाला और मुझे खींच लिया ! मै जानकर उस पर लुडक गई….पर झिझक के मारे वापस उठ गई और बाल्कनी मे जाकर खडी रह गई ! मुन्ना ने कमरे कि लाईट बुझा दी और बाल्कनी मे आ गया ! सब तरफ अंधेरा था.. दो मकान के आगे वाली स्ट्रीट लाईट जल रही थी ! मेरे मन मे चुदाई कि वासना सुलग उठी थी ! मुन्ना भी उसी आग मे जल रहा था..उसका खडा लंड अंधेरे मे भी साफ नजर आ रहा था…फिर मेरे पीछे आ गया ! उसने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया… मैने उसे कूछ नही कहा…उसकी हिम्मत और बढ गयी मेरी कमर मे हाथ कर अपने लंड को मेरी पीछे कि ओर से दबाया ! उसके लंड कि स्पर्श से मेरे दिल मे सिरहन उठ गई ! मुन्ना ने अपने हाथ मेरे चुची पर रख दिये…और दबा दिये….मै हाथ हाटाने कि असफल कोशिश करने लगी…वास्तव मे मै हाथ हटाना ही नही चाहती थी ! मदहोश हो कर मैने आंखे बंद करके उसके हाथो को दबाते हुए बोलने लगी… “हाय मुन्ना…ऐसा मत करो ना…!” उसने पीछे से अपना लंड जोर से दबा दिया !

उसका लंड मेरे कपडो में से अंदर घूस रहा था ! मुन्ना ने मेरा पेटीकोट उतार दिया! मै बाल्कनी को पकड कर झुक कर घोडी बनी जा रही थी ! उसने भी अपनी अंडरवेयर उतार दी हम दोनो निचेसे नंगे हो गये थे …. मै तो चुदाई करने के लिये जैसे ख़ुशी के मारे पागल हो रही थी ! मुन्ना ने अपना लंड मेरी गांड पर रगड कर छेद पर दबा दिया …! उसका मोटा सुपाडा मेरी गांड मे घूस गया ! मै तो आनंद से कही जा रही थी.. “हाय मुन्ना मत कर…ये तो अंदर ही घुसा जा रहा है..!” “जाने दे….आज इसे जाने दे…प्लीज..! मेरी सिसकारी निकल पडी…उसका लंड मेरी गांड मे प्रवेश कर चुका था ! मेरी चुंची मसलने से मुझे खूब तेज उत्तेजना होने लगी थी ! उसका लंड अब धीरे धीरे अंदर बाहर होने लगा ! उसके बलिष्ठ हाथो का कसाव मेरे शरीर पर बढता जा रहा था ! मुझे थोडा दर्द हो रहा था…लेकीन मैने विरोध नही किया..क्युंकी ऐसा मौका बार – बार नही आता है ! उसने फिर अपने लंड पे थूंक लगा दी अब उसका लंड आसानी से अंदर बाहर होने लगा ! अब चुदाई मे मजा आ रहा था… हम दोनो मूड गये और एक दुसरे कि आंखो मे आंख डालके प्यार से देख रहे थे…उसके होंठ मेरे होंठो को बार-बार चुम रहे थे…!
नेहा, बहुत मजा आ रहा हैं….तुम बहोत सेक्सी हो….!

“नेहा…आप कितनी अच्छी है…हाय..मुझे कितना मजा आ रहा है..!” मुन्ना मस्ती मे लंड पेल रहा था मेरी गांड ने बहोत मजा लुटा था …पर मेरी चूत मे आग पैदा हो रही थी..! “मुन्ना अब मेरा पिछवाडा छोड दो ना ..आगे भी तो आग लगी है…!” मैने मुन्ना से विनती की ! पर उसे तो पीछे गांड मारने मे मजा आ रहा था ! देखो मै अब झड जाऊंगी..अब चूत मे अपना लंड घुसा दो ! मुन्ना ने अपना लंड गांड मे से निकाल दिया और पीछे से हि मेरी चूत मे लंड घुसा दिया..! गल्ली मे सन्नाटा था…बस दो कुत्ते नजर आ रहे थे कोई हमे देखने वाला या टोकने वाला नही था ! मेरी चूत एकदम गिली हो गई थी…लंड फच कि आवाज करते हुए गहराई तक उतर रहा था…आग से आग मिल गई..मन मे कसक सी उठी…एक सिसकारी निकल पडी…! “चोद दे मुन्ना…तुम बहोत अच्छी तरह चुदाई करते हो…चोद मुझे बहोत मजा आ रहा है..!” “हाय नेहा…इतना मजा आता है मुझे पता नही था..!” मुन्ना ने जोश मे आ के चुदाई चालू की…मुझे भी तेज मजा आने लगा था ! मेरा आनंद दुगुना हुए जा रहा था ! “मुन्ना हाय तेरा मोटा लंड बहोत मजा आ रहा है..!” उसकी चुदाई कि रफ्तार बढ रही थी ! अब जोर से चोद मुन्ना जोर से लंड मार मेरी चूत मे से पानी निकल रहा है !

मेरी चरमसीमा आ रही थी…मै बेहाल हो उठी थी.. मुझे लग रहा था मुझे और चोदे… इतना चोदे कि बस जिंदगी भर चोदता ही रहे.. मै झडने लगी ! चुदाई रंग ला रही थी! बहोत ही रफ्तार से मुन्ना मुझे चोद रहा था ! मेरी अंग अंग मे से उत्तेजना तृप्ती से समाप्त हो रही थी पर उसका लंड अभी तक थका नही था ! मै उसका लंड बाहर निकाल ने की कोशिश कर रही थी ! पर उसका शरीर पर कसाव और पकड मजबूत थी ! उसका लंड मुझे मोटा और लम्बा लगने लगा…लंड का भारीपन महसूस होने लगा था…! उसका झडणे का समय आ गया था उसकी रफ्तार और पकड और मजबूत हुए जा रही थी ! उसके मूह से जोर से ख़ुशी से आवाज बाहर आ रही थी….! अब उसका लंड धीरे धीरे फिसलने लगा था…चूत से उसका वीर्य बाहर आ रहा था…उसका लंड बाहर आते ही उसका वीर्य मेरी चूत से टपकने लगा…! “नेहा…तुमने मुझे बहोत ही बडा सुख दिया है आज…मै क्या बोलू” उसके होंठ मेरे होठो से जुड गये और वो मुझे पागल की तरह प्यार करने लगा ! मैने भी उसे प्यार से चुमा और बोली “मुझे भी तुमसे चुदाई करके बहोत मजा आया….!” हम दोनो कपडे पहन के अंदर चले गये… टीवी. देखते रह गये….थोडी देर बाद फिर हमारा शरीर फडफडाने लगा….मेरी चुंची फिर से तनकर खडी हो गयी… मुन्ना का लंड भी धीरे धीरे खडा हो के मेरी चूत को पुकार रहा था… कमरे मी दोनो अकेले और टोकने वाला कोई नही तो और क्या हो सकता है? बदन मे फिर से आग सुलगने लगी….फिर मुन्ना खडा हुआ और अपना मोटा सा लंड मेरे मूह मे देने के लिये पास आ गया… तो क्या फिर से हमारी कामक्रीडा चालू हो गई ! उसका भारी लंड और भी कडक हो गया…मै उसे मूह मे लेकर ख़ुशी से चाटने लगी…. शरीर से कपडे फिर उतरने लगे….. हमारी चुदाई फिर से चालू हो गई… रात जैसे हम दोनो कि ही थी..रात का वो मजा मुझे अभी याद है…! उस रात चार बार हमने चुदाई की… दो महिने की प्यास एक ही रात में पुरी हो गई…. और अब क्या हम दोनो अपने मर्जी के मलिक थे..! हर रात हमारी थी टोकने वाला कोई नही था… उसके बाद के चार महिने की रातो को तो हमने चुदाई मे गुजार दी….!

मित्रो आपको यह चुदाई की कहानी कैसी लगी…? क्या आप नेहा जैसी किसी जवानी की चूत का मजा ले चुके हैं. हमशे अपने सेक्स अनुभव शेर किजिएँ, और यदि आप चाहें तो हम नाम बदलके उन्हें प्रकाशित भी कर सकते हैं. हमें  funseera@gmail.com पर इ-मेल करें

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