Sajni ki hindi sex story (kahani) usski jubani with nude picture
Sajni ki hindi sex story (kahani) usski jubani with nude picture |
हाय यारोँ, मेरा सलाम कबूल करेँ और पढिये मेरी सेक्सी हिन्दी कहानी जिसमे एक गुजरती ने मेरी चूत को मस्त वसूला था। मेरा नाम सजनी है। मेरी उम्र 35 साल की है और मैँ एक ब्यूटी पार्लर चलाती हूँ। यह कोई ऐसा वैसा ब्यूटी पार्लर नहीँ है,यहाँ हम अपने ग्राहकोँ को पूरी तरह से तन और मन से खुश करते हैँ। अरे, ग्राहक तो भगवान को रूप होता है, तो उन्हेँ खुश रखेंगे तभी तो वो हमेँ भी खुश रखेंगे ना। सिम्पल सी बात है ना। तो बात यह है कि मेरे ब्यूटी पार्लर मेँ 5 लडकियाँ हैँ। मुझे गिन कर। मैँ सबकी बौस हूँ। हम लोग फूल बौडी मसाज देते हैँ और भी बहुत मज़ा, लेकिन जैसा ग्राहक वैसी सेवा मिलती है। फिर एक दिन हमारे इधर पोलीस के रेड पडी। बस तब से एक महिने तक धंधा बन्द हो गया। ग्राहको ने इधर आना बन्द कर दिया। मैँ परेशान हो गयी कि अब क्या करे हम लोग। अचानक एक दिन एक फोन आया। कोई आदमी था रसिक भाई पटेल। बोल रहा था कि उसे हमारा नम्बर किसी न्यूज़ पेपर से मिला है। और उसे फूल बौडी मसाज करवानी है। मुझे लगा चलो कोई आसामी तो आया। वो बोला कि वो शाम को आयेगा लेकिन सर्विस उसे अच्छी चाहिये नहीँ तो वो चला जाएगा।
शाम को 7 बजे दरवाजा खुला और हमने देखा कि एक 60 साल का आदमी जिसने पैजामा और कुर्ता पहना हुआ था और उसके सिर पर साईड्मेँ बाल थे सिर्फ, बाकि बाल झड गये थे, वो अन्दर आया। वो गुटखा खा रहा था और सांवले रंग का मोटा आदमी था। उसे देखकर ही मुझे गन्दा लग रहा था। अन्दर आ कर वो बोला कि उसका नाम रस्सिक भाई है और उसने ही फोन किया था। वो एक कुर्सी पर बैठ गया और पांव ऊपर करके हिलाने लगा और हम सभी को घूर घूर के देखने लगा। मैँने कहा कि आपको कैसी सर्विस चाहिये। तो वो बोला, कि ऐसी कि दिल खुश हो जाए। मैँ बोली किससे करवानी है मसाज। वो बोला कोई भी चलेगी, लेकिन मेरी एक ही शर्त है, कि मेरा पानी निकल जाना चाहिये। 1 साल से नहीँ निकला है, रोज़ खुद ट्राय करता हूँ। मैँ बोली उसका आप टेंशन मत लो, वो हमारा काम है लेकिन 2 हज़ार लगेंगे और चूत चोदने नहीँ मिलेगी सिर्फ हिला के मिलेगा। वो तुरंत खडा हो गया और जेब्से 5 सौ के चार नोट निकाल कर आगे कर दिया और बोला, यह लो पैसे लेकिन याद रखना बिना पाने निकले मैँ यहाँ से जाऊंगा नहीँ। मैँ बोली कि ठीक है अर मन मेँ सोचने लगी कि बुड्ढे की जवानी को 2 मिनट मेँ निकाल दूंगी। फिर मैँ उसे एक कमरे मेँ ले गयी और उसे एक बेड पर लेटने को कहा और दरवाजा बन्द करके उसके पकडे निकालने लगी।
जैसे जैसे उसके कपडे मैँ निकालती जा रही थी वैसे वैसे बूढ़े का लंड खडा होता दिख रहा था। मुझे लगा कि बूढा सच मेँ ठरकी है। फिर मैँने उसके सारे कपडे निकाल कर उसे पूरा नंगा कर दिया और देखा उसका लंड 10’’ का था और झटके मार रहा था। मैँने उसके लंड पर एक क्रीम को लगाया और उसे लंड पर अच्छे से अपने हाथ मेँ पकड कर मलने लगी। उसका लंड एकदम तन गया था। जैसे किसी लडाई के पहले तोप खडी हो जाती है वैसे। खैर, अच्छे से लंड पर क्रीम लगाने के बाद मैँने उसकी ओर देखा तो पाया कि आंख बन्द करके मुस्कुरा रहा है। मुझे अजीब लगा। फिर मैँने उसके लंड को सट सट करके हिलाना शुरु कर दिया। ऐसा करते करते 5 मिनट हो गये लेकिन उसका लंड अभी भी तन कर खडा था। मुझे बहुत आश्चर्य हुआ।
फिर मैँने अर ताकत लगाया लेकिन कुछ नहीँ हुआ। मैँ हिलाते हिलाते थक गयी तो दूसरे हाथ से हिलाने लगी। फिर भी उसके लंड ने हार नहीँ मानी। मैँ फिर दोनोँ हाथोँ से उसके लंड को हिलाने लगी। उसे तो जैसे कुछ पता ही नहीँ चल रहा था। मेरी सांस फूल गयी। मुझे लगा बुढ्ढे मेँ सच मेँ दम है, और इसे स्पेशिअल सर्विस देनी होगी। मैँने अपना टौप उतार दिया और फिर ब्रा भी। अब मेरी दोनोँ गोरी गोरी 36’’ की चूची बाहर आ गयी थे, मेरे निप्पल कडक हो गये थे। मैँने उसके लंड को अपने दोनोँ चूची के बीच फंसाया और लगी उसे बूब फक करने। उसने आंख खोल कर मुझे दखा और फिर मुस्कुराते हुए आंख बन्द कर गया। मुझे बहुत गुस्सा आने लगा। 15 मिनत ऐसे ही बीत गये। मुझे लगा कि यह तो ज़्यादा ही हो रहा है और मुझे अब और कुछ करना ही होगा। यह सोच कर मैँने उसके लंड को पकडा और अपने मुँह मेँ डाल लिया। उसने बिना आंख खोले ही मुस्कुराना शुरु कर दिया। मुझे गुस्सा आ रहा था। मैँ उसके लंड को अच्छे से चूस चूस कर लाल कर रही थी। कभी गोटे चाटती तो कभी सुपाड़े को चुभलाती जीभ से। पर उसका लंड तो और भी जवान दिखने लगा। मैँने गले के अन्दर तक पूरा का पूरा लंड ले कर चूसना शुरु कर दिया। पूरा बिस्तर मेरी लार से लसलसा गया था।
मैँने पूरी ताकत लगा दिया लेकिन उसे कुछ नहीँ हो रहा था। अब मैँने सके लंड को हिलाते हुए चूसना शुरु कर दिया। और वो आहेँ भरने लग। मुझे लगा कि वो अब झड जायेगा तो मैँने और ताकत से उसे चूसना और हिलाना शुरु कर दिया। लेकिन ऐसे करते हुए मैँ ही उल्टा थक गयी और हांफने लगी। उसने मुझे देखा और फिर आंख बन्द कर लिया। रसिक भाई मुस्कुराते हुए लेटा रहा। मुझे लगा जैसे वो मुझे चिढा रहा हो और कह रहा हो कि बेटी तेरी जैसी कई चूत इस लंड के आगे बीन बजा कर चली गयी हैँ। तो क्या इसे सुलायेगी। मुझे लगा अब तो कुछ करना ही होगा। बस फिर क्या था मैँने अपनी जींस निकाल दिया और पैंटी भी उतार कर रसिक के चेहरे पर फेंक दिया और वो हरामी बडे मज़े से मेरी पैंटी को किस करने लगा और उसे सूंघने लगा। फिर मैँ अपनी बिना बाल वाली चूत को लेकर उसके लंड पर बैठने के लिये पलंग पर चढ गयी। उसने फिर देखा और मुस्कुराया। मैँने अपनी चूत पर थूक लगाया और उसके लंड को पकड कर अपनी चूत पर रखा और उस पर दबाव डालकर बैठने लगी। वो सिसिकारी मारने अलगा। मुझे भी थोडा अच्छा लगने लगा। उसका लंड वाकई मेँ गढे के जैसा मोटा लम्बा और ताकतवर था।
उसके लंड के स्पर्श से मेरी चूत भी पानी छोडने लगी। मुझे लगा जैसे मेरी चूत मेँ अचानक से खुजली बध गयी हो। मैने थोडा दम लगाया और मेरी चूत मेँ उसका पूरा लंड घुस गया। हाय।।।। क्या अहसास था वो। बयान नहीँ कर सकती हूँ मैँ। आज तक कई लंड खाये इस चूत ने लेकिन ऐसा मज़ा कभी नहीँ मिला। बहुत मज़ेदार लंड था। अब मैँ पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और उसके लंड पर कूदने लगी ताकि उसके लंड के पानी से मेरी चूत की प्यास बुझ सके। इसी तरह से काफी देर तक चुदने के बाद भी उस पर कोई फर्क नहीँ पडा। वो तो मजे से जैसे स्वर्ग मेँ बिठा मुस्कुरा रहा था। मुझे बहुत अच्छ लग रहा थ मैँ झुकी और उसके लिप्स पर अपने लिप्स टिका दिये और लगी उसकी जीभ और लिप्स को सक करने। वाह क्या अह्सास था उस समय। उसके लंड को गपागप मेरी चूत निगल रही थी और मैँ उसकी जीभ को मुँह मेँ निगल रही थी। मज़ा आ गया। इसी तरह चुदते हुए करीबा आधा घंटा हो गया और मैँ अचानक से झडने के करीब आ गयी और उसे पकड कर झडने लगी। लेकिन उसका लंड वैसे का वैसा ही खडा था। मुझे लगा जैसे मैँ थक कर गिर जाऊंगी। मैँ हांफे जा रही थी।
रसिक भाई ने मुझे 20 मिनिट और चूत में लंड दिया और उसके बाद 5 मिनिट तक कुतिया बना के मेरी चूत लेता रहा तब जा के इस गुजराती अंकल का लंड शांत हुआ. सच में पक्का गुजराती था वो, एक एक पैसा वसूल किया उसके दिए 2000 से…! मित्रो आपको इस ब्यूटीपार्लर वाली की चूत चोदने की कहानी कैसी लगी, हमें जरुर कमेन्ट लिख भेंजे
शाम को 7 बजे दरवाजा खुला और हमने देखा कि एक 60 साल का आदमी जिसने पैजामा और कुर्ता पहना हुआ था और उसके सिर पर साईड्मेँ बाल थे सिर्फ, बाकि बाल झड गये थे, वो अन्दर आया। वो गुटखा खा रहा था और सांवले रंग का मोटा आदमी था। उसे देखकर ही मुझे गन्दा लग रहा था। अन्दर आ कर वो बोला कि उसका नाम रस्सिक भाई है और उसने ही फोन किया था। वो एक कुर्सी पर बैठ गया और पांव ऊपर करके हिलाने लगा और हम सभी को घूर घूर के देखने लगा। मैँने कहा कि आपको कैसी सर्विस चाहिये। तो वो बोला, कि ऐसी कि दिल खुश हो जाए। मैँ बोली किससे करवानी है मसाज। वो बोला कोई भी चलेगी, लेकिन मेरी एक ही शर्त है, कि मेरा पानी निकल जाना चाहिये। 1 साल से नहीँ निकला है, रोज़ खुद ट्राय करता हूँ। मैँ बोली उसका आप टेंशन मत लो, वो हमारा काम है लेकिन 2 हज़ार लगेंगे और चूत चोदने नहीँ मिलेगी सिर्फ हिला के मिलेगा। वो तुरंत खडा हो गया और जेब्से 5 सौ के चार नोट निकाल कर आगे कर दिया और बोला, यह लो पैसे लेकिन याद रखना बिना पाने निकले मैँ यहाँ से जाऊंगा नहीँ। मैँ बोली कि ठीक है अर मन मेँ सोचने लगी कि बुड्ढे की जवानी को 2 मिनट मेँ निकाल दूंगी। फिर मैँ उसे एक कमरे मेँ ले गयी और उसे एक बेड पर लेटने को कहा और दरवाजा बन्द करके उसके पकडे निकालने लगी।
जैसे जैसे उसके कपडे मैँ निकालती जा रही थी वैसे वैसे बूढ़े का लंड खडा होता दिख रहा था। मुझे लगा कि बूढा सच मेँ ठरकी है। फिर मैँने उसके सारे कपडे निकाल कर उसे पूरा नंगा कर दिया और देखा उसका लंड 10’’ का था और झटके मार रहा था। मैँने उसके लंड पर एक क्रीम को लगाया और उसे लंड पर अच्छे से अपने हाथ मेँ पकड कर मलने लगी। उसका लंड एकदम तन गया था। जैसे किसी लडाई के पहले तोप खडी हो जाती है वैसे। खैर, अच्छे से लंड पर क्रीम लगाने के बाद मैँने उसकी ओर देखा तो पाया कि आंख बन्द करके मुस्कुरा रहा है। मुझे अजीब लगा। फिर मैँने उसके लंड को सट सट करके हिलाना शुरु कर दिया। ऐसा करते करते 5 मिनट हो गये लेकिन उसका लंड अभी भी तन कर खडा था। मुझे बहुत आश्चर्य हुआ।
फिर मैँने अर ताकत लगाया लेकिन कुछ नहीँ हुआ। मैँ हिलाते हिलाते थक गयी तो दूसरे हाथ से हिलाने लगी। फिर भी उसके लंड ने हार नहीँ मानी। मैँ फिर दोनोँ हाथोँ से उसके लंड को हिलाने लगी। उसे तो जैसे कुछ पता ही नहीँ चल रहा था। मेरी सांस फूल गयी। मुझे लगा बुढ्ढे मेँ सच मेँ दम है, और इसे स्पेशिअल सर्विस देनी होगी। मैँने अपना टौप उतार दिया और फिर ब्रा भी। अब मेरी दोनोँ गोरी गोरी 36’’ की चूची बाहर आ गयी थे, मेरे निप्पल कडक हो गये थे। मैँने उसके लंड को अपने दोनोँ चूची के बीच फंसाया और लगी उसे बूब फक करने। उसने आंख खोल कर मुझे दखा और फिर मुस्कुराते हुए आंख बन्द कर गया। मुझे बहुत गुस्सा आने लगा। 15 मिनत ऐसे ही बीत गये। मुझे लगा कि यह तो ज़्यादा ही हो रहा है और मुझे अब और कुछ करना ही होगा। यह सोच कर मैँने उसके लंड को पकडा और अपने मुँह मेँ डाल लिया। उसने बिना आंख खोले ही मुस्कुराना शुरु कर दिया। मुझे गुस्सा आ रहा था। मैँ उसके लंड को अच्छे से चूस चूस कर लाल कर रही थी। कभी गोटे चाटती तो कभी सुपाड़े को चुभलाती जीभ से। पर उसका लंड तो और भी जवान दिखने लगा। मैँने गले के अन्दर तक पूरा का पूरा लंड ले कर चूसना शुरु कर दिया। पूरा बिस्तर मेरी लार से लसलसा गया था।
मैँने पूरी ताकत लगा दिया लेकिन उसे कुछ नहीँ हो रहा था। अब मैँने सके लंड को हिलाते हुए चूसना शुरु कर दिया। और वो आहेँ भरने लग। मुझे लगा कि वो अब झड जायेगा तो मैँने और ताकत से उसे चूसना और हिलाना शुरु कर दिया। लेकिन ऐसे करते हुए मैँ ही उल्टा थक गयी और हांफने लगी। उसने मुझे देखा और फिर आंख बन्द कर लिया। रसिक भाई मुस्कुराते हुए लेटा रहा। मुझे लगा जैसे वो मुझे चिढा रहा हो और कह रहा हो कि बेटी तेरी जैसी कई चूत इस लंड के आगे बीन बजा कर चली गयी हैँ। तो क्या इसे सुलायेगी। मुझे लगा अब तो कुछ करना ही होगा। बस फिर क्या था मैँने अपनी जींस निकाल दिया और पैंटी भी उतार कर रसिक के चेहरे पर फेंक दिया और वो हरामी बडे मज़े से मेरी पैंटी को किस करने लगा और उसे सूंघने लगा। फिर मैँ अपनी बिना बाल वाली चूत को लेकर उसके लंड पर बैठने के लिये पलंग पर चढ गयी। उसने फिर देखा और मुस्कुराया। मैँने अपनी चूत पर थूक लगाया और उसके लंड को पकड कर अपनी चूत पर रखा और उस पर दबाव डालकर बैठने लगी। वो सिसिकारी मारने अलगा। मुझे भी थोडा अच्छा लगने लगा। उसका लंड वाकई मेँ गढे के जैसा मोटा लम्बा और ताकतवर था।
उसके लंड के स्पर्श से मेरी चूत भी पानी छोडने लगी। मुझे लगा जैसे मेरी चूत मेँ अचानक से खुजली बध गयी हो। मैने थोडा दम लगाया और मेरी चूत मेँ उसका पूरा लंड घुस गया। हाय।।।। क्या अहसास था वो। बयान नहीँ कर सकती हूँ मैँ। आज तक कई लंड खाये इस चूत ने लेकिन ऐसा मज़ा कभी नहीँ मिला। बहुत मज़ेदार लंड था। अब मैँ पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और उसके लंड पर कूदने लगी ताकि उसके लंड के पानी से मेरी चूत की प्यास बुझ सके। इसी तरह से काफी देर तक चुदने के बाद भी उस पर कोई फर्क नहीँ पडा। वो तो मजे से जैसे स्वर्ग मेँ बिठा मुस्कुरा रहा था। मुझे बहुत अच्छ लग रहा थ मैँ झुकी और उसके लिप्स पर अपने लिप्स टिका दिये और लगी उसकी जीभ और लिप्स को सक करने। वाह क्या अह्सास था उस समय। उसके लंड को गपागप मेरी चूत निगल रही थी और मैँ उसकी जीभ को मुँह मेँ निगल रही थी। मज़ा आ गया। इसी तरह चुदते हुए करीबा आधा घंटा हो गया और मैँ अचानक से झडने के करीब आ गयी और उसे पकड कर झडने लगी। लेकिन उसका लंड वैसे का वैसा ही खडा था। मुझे लगा जैसे मैँ थक कर गिर जाऊंगी। मैँ हांफे जा रही थी।
रसिक भाई ने मुझे 20 मिनिट और चूत में लंड दिया और उसके बाद 5 मिनिट तक कुतिया बना के मेरी चूत लेता रहा तब जा के इस गुजराती अंकल का लंड शांत हुआ. सच में पक्का गुजराती था वो, एक एक पैसा वसूल किया उसके दिए 2000 से…! मित्रो आपको इस ब्यूटीपार्लर वाली की चूत चोदने की कहानी कैसी लगी, हमें जरुर कमेन्ट लिख भेंजे
0 comments:
Post a Comment